वर्ष 2011 के राजस्‍थानी पुरस्‍कार घोषित। मातुश्री कमला गोइन्‍का राजस्‍थानी साहित्‍य पुरस्‍कार उदयपुर के डॉ. भगवतीलाल व्‍यास को काव्‍य पुस्‍तक 'कठै सूं आवै है सबद'पर। गोइन्‍का राजस्‍थानी साहित्‍य सारस्‍वत सम्‍मान-2011 भगतपुरा-सीकर के श्री सौभाग्‍यसिंह शेखावत को। रावत सारस्‍वत पत्रकारिता सम्‍मान-2011 बिणजारो के संपादक पिलानी निवासी श्री नागराज शर्मा को। राजस्‍थान अनमोल रत्‍न सम्‍मान-2011 जयपुर के मूर्तिकार अर्जुन प्रजापति को। किशोर कल्‍पनाकांत युवा साहित्‍य पुरस्‍कार-2011 जोधपुर की सुश्री कीर्ति परिहार को पांडुलिपि 'सगळां रो सीर' पर।

Scrolling Text

क्रियाकलाप

प्रेरणा स्रोत :-
पिताश्री गोपीराम गोइन्का
मातुश्री कमला गोइन्का
श्री बाबूलाल गोइन्का
श्रीमती रत्नीदेवी गोइन्का

श्रीमती स्नेहलता गोइन्का

कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रमुख क्रियाकलाप :-

फाउण्डेशन के माध्यम से श्री श्यामसुंदर गोइन्का ने अपनी समाजसेवी, साहित्यिक, शैक्षणिक एवं आध्यात्मिक कल्पनाओं तथा भावनाओं को मूर्त रूप दिया है। प्रन्यास अपने स्थापना काल से ही विभिन्न सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों में सम्यक योगदान देता आ रहा है।

सार्वजनिक निर्माण कार्यों की बदौलत योगदान :-

कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा समाजसेवा के तहत चूरू (राजस्थान) व बैंगलूरू में निम्नांकित संस्थानों की सुसंस्थपन एवं सुसंचालन किया जा रहा है :-
१. राजकीय गोपीराम गोइन्का उच्च माध्यमिक विद्यालय, चूरू
२. मातुश्री कमला गोइन्का टाऊन हॉल, चूरू
३. पितामह श्री बसेसरलाल गोइन्का रंगमंच, चूरू
४. श्रीमती रत्नीदेवी गोइन्का जल मंदिर, चूरू
५. श्रीमती स्नेहलता गोइन्का आनंद जलधारा, चूरू
6. श्रीमती स्‍नेहलता गोइन्‍का अतिथि गृह
7. बैंगलूरू के सुप्रसिद्ध सदाशिवनगर पार्क में जनसाधारण-हितार्थ रंग-बिरंगें जल-फव्वारों की प्रस्थापन।

इनके अतिरिक्त निम्नांकित योगदान भी उल्लेखनीय है :-
१. आध्यात्मिक साधना के प्रोत्साहन के लिए आनंदनगर, पुरुलिया, पश्चिम बंगाल में आनंदनगर डेवलपमेंट सोसाइटी को धर्ममहाचक्र परिसर की पुनर्रचना में तथा सद्-गुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी के स्मृति-भवन के नवनिर्माण में सहयोग तथा सहकार।
२. हर वर्ष जरूरतमंद प्रतिभाशाली छात्रों को आर्थिक सहायता।
३. विद्यालयों, अस्पतालों व अन्य संस्थाओं को सहयोग।
४. आपदाओं के अवसरों पर तात्कालिक सहायता।
५. कला, संगीत के उत्थान तथा विकास के लिए रिनासां आर्टिस्ट्स एंड राइटर्स असोसिएशन को सहयोग तथा प्रभात संगीत अनुसंधान समिति को सहकार।

साहित्यक योगदान :-

कमला गोइन्का फाउण्डेशन ने साहित्य जगत में परिवर्द्धन एवं प्रोत्साहन के लिए निम्नांकित पुरस्कार प्रस्थापित किए हैं :-

हिन्दी व्यंग्य :
१. स्नेहलता गोइन्का व्यंग्यभूषण पुरस्कार : द्विवार्षिक : एक लाख रुपये
२. गोइन्का व्यंग्य साहित्य सारस्वत सम्मान (हिन्दी के वरिष्ठ व्यंग्यकार को) : द्विवार्षिक : सम्मान
हिन्दी : महिला रचनाकारों के लिए -
३. रत्नीदेवी गोइन्का वाग्देवी पुरस्‍कार : द्विवार्षिक : इक्‍कतीस हजार रुपये
राजस्थानी :
४. मातुश्री कमला गोइन्का राजस्थानी साहित्य पुरस्कार : द्विवार्षिक : इक्कावन हजार रुपये
५. गोइन्का राजस्थानी साहित्य सारस्वत सम्मान (राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार को) : द्विवार्षिक : सम्मान
६. राजस्थान अनमोल रत्न सम्मान (अन्‍यान्‍य गतिविधियों में उल्लेखनीय योगदान पर) : द्विवार्षिक : सम्मान
७. रावत सारस्वत पत्रकारिता सम्‍मान (राजस्थानी पत्रकारिता में उल्‍लेखनीय योगदान पर) : द्विवार्षिक सम्‍मान
८. किशोर कल्पनाकांत राजस्थानी युवा साहित्यकार पुरस्कार (युवा राजस्थानी रचनाकार की पांडुलिपि पर) : द्विवार्षिक : पांच हजार रुपये व संपूर्ण पुस्तक प्रकाशन व्यय
पत्रकारिता :
९. रामनाथ गोइन्का पत्रकारिता शिरोमणि पुरस्कार (इलेक्ट्रॉनिक व प्रिण्ट मीडिया के पत्रकारों को। हिन्‍दीतर भाषी क्षेत्रों में हिंदी पत्रकारिता के लिए व हिन्‍दीभाषी क्षेत्रों में हिंदी पत्रकारिता के लिए बारी-बारी से) : वार्षिक : इक्कावन हजार रुपये
अहिन्दी भाषी क्षेत्र हिन्दी रचनाकारों निमित्त :
१०. बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्‍कार (अहिन्दी भाषी क्षेत्र के हिन्दी रचनाकारों को भाषाई योगदान के लिए) : द्विवार्षिक : इक्कीस हजार रुपये
११. गोइन्का साहित्य सारस्वत सम्मान (अहिन्दी भाषी क्षेत्र के वरिष्ठ हिन्दी रचनाकार को) : द्विवार्षिक : सम्मान
१२. भाभीश्री रमादेवी गोइन्का साहित्य सारस्वत सम्मान : (अहिन्दी भाषी क्षेत्र के हिन्दी, तेलुगु के वरिष्ठ रचनाकारों को) : द्विवार्षिक : सम्मान
अनुवाद :
१३. पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी-कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार : द्विवार्षिक : इक्कीस हजार रुपये
१४. गीतादेवी गोइन्का हिन्दी-तेलुगु अनुवाद पुरस्कार : द्विवार्षिक : इक्कीस हजार रुपये
कन्नड़ :
१५. डॉ. हिरण्यम युवा साहित्यकार पुरस्कार (युवा कन्नड़ रचनाकार की पांडुलिपि पर) : द्विवार्षिक : पांच हजार रुपये व संपूर्ण पुस्तक प्रकाशन व्यय

No comments:

Post a Comment